" प्राकृतिक सम्पदा पे शत्रु का संदेह (रूस यूक्रेन युद्ध)" ~ मनीष कुमार "असमर्थ"
Instagram Quotes Facebook page प्रकाशित " प्राकृतिक सम्पदा पे शत्रु का संदेह (रूस यूक्रेन युद्ध)" छिटकती आभा,लाल अंगारा, कोई विस्फोटक है क्या?? या पड़ोस का रहने वाला कोई अपना लोटक है क्या?? शायद सूरज फिसल के इस पार आने वाला है! उस पार से आ रहा है दुश्मन हो सकता हैं । सैनिको तैयार हो जाओ, आग का गोला लिया आत्मघाती हमला हो सकता है!! आग फैलाने की हिम्मत भी कर सकता है! वो उस पार का है, जल रहा है तो जलने दो न! हमे तो अंधेरों से छुटकारा मिलेगा न!! यहां लम्बे समय से अंधेरा कायम हैं... वो जलेगा तभी उजाला संभव है न! ..... शर्र-शर्र करती आवाज़ तलवार की वेग है क्या?? या फिसलती हवाओं की तेज है क्या?? ये तो हवा है, ये भी पड़ोस के तरफ से ही आ रहा है?? ऐ हवा! अकड़ मत तू अपना रूख बदल दे! वरना मैं तुमसे क्रुद्ध हो जाऊंगा। सांसे नहीं लूंगा। ज़मीन मैंने ही बांटा है। ये मेरी मिट्टी है, वो उसकी तो ये हवा भी बंट गई है न...!! तेरी हिम्मत कैसे हुई उधर से आने की, शीतलता नहीं चाहिए मुझे तेरी, मैं तपता हुआ ही ठीक हूं न! काला धुआं दिख रहा है, मिसाइल छूट रहे ह...