"नर्मदा के जलधारा की असमंजस्य भाव" ~ मनीष कुमार "असमर्थ"

Instagram 

Quotes 

Facebook page

 "नर्मदा के जलधारा की असमंजस्य भाव"


विकास का उल्लास है ये,

या वेदना विलास है ये।

बहाव का भाव है कि

ठगी सी हताश है ये।।


नाद या निनाद है ये,

शांत या विषाद है ये।

क्रोध की ये वेग है,

या आंसूओं की तेज है ये।।


अलगाव का ये कृंद है,

या दो हृदय का द्वंद्व है ये।

रीझ है या खीझ है ये,

या वियोग की टीस है ये।



कंकड़ों की चीर है ये,

या तरु की पीर है ये।

प्रवाह या प्रवीर है ये,

अर्वाचीन या प्राचीन है ये।

                             ~ मनीष कुमार "असमर्थ"©®

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

लहराते चुन्नी को बहने दे अपनी।

मेरी चाहत ~ मनीष कुमार "असमर्थ"