तितली रानी से मेरा सवाल ~ मनीष कुमार "असमर्थ"
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"तितली रानी सेे मेरा सवाल"
तितली रानी तितली रानी,
फूल फूल पर जाती क्यों हो?
एक फूल ही जन्नत सा था।
कुछ रंगों पे गुम जाती क्यों हो?
कली-कली पर भौरों के संग,
फूलों पर मंडराती क्यों हो?
तुम सुन्दर हो, तुम कोमल हो,
पर इतना तुम इतराती क्यों हो?
कभी फूल का रस पीती हो।
कभी दूर उड़ जाती क्यों हो?
कभी आंख से ओझल होकर,
अपने पंख दिखाती क्यों हो?
कभी मिलेंगे,यहीं मिलेंगे।
ऐसा आस जगाती क्यों हो?
गेरूए रंग का वेश बनाकर,
घर परिवार बसाती क्यों हो??
चंचलता इतनी है अच्छा!
तो फूलों पे रुक जाती क्यों हो?
जब तुम्हे पुकारा करता हूं।
तो तुम गूंगी बन जाती क्यों हो?
तितली रानी तितली रानी,
फूल फूल पर जाती क्यों हो?
एक फूल जो सूख रहा है।
जाने तुम मुरझाती क्यों हो?
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