कृपया ध्यान दें - कॉपीराइट का उल्लंघन न करें। मेरे लिखे कविताओं को स्वयं का बताकर इस्तेमाल न करें। यह अवैध है और इसमें आपको कड़ी से कड़ी सज़ा मिल सकती है।
लहराते चुन्नी को बहने दे अपनी। खुलें बालों को ऐसे रहने दे अपनी ।। आंख बंद करके यूं ही मुस्कुराते रह, दुनियां वालों को कह लेने दे अपनी ।। गोरे ठुड्डी को मुठ्ठी से टिकाए रख आज । तिरछे नज़रों को मिल लेने दे अपनी।। गजरे को कलाई में ऐसे ही चढ़ाये रख। कंगन को इज़हार-ए-इश्क़ कर लेने दे अपनी।। काजल वाली चिड़िया रोज़ दिखा कर छत से । मुझे भी सूखी आंख, सेंक लेने दे अपनी। असमर्थ
Instagram Quotes Facebook page प्रकाशित "मेरी चाहत" मेरी चाहत ही बेमिस्ल है, ऐसे ही खिलना चाहता हूं। हु- ब-हू टिमटिमाता है रात में जो, उसे तोड़ लाना चाहता हूं।.. उसकी एक मुस्कुराहट से ही,टुकड़ों में बिखर जाना चाहता हूं।। मेरी चाहत ही बेढब है, नींद में सपनों से जीतना चाहता हूं। मैं तो अंजुली में रखा कुछ बूंद हूं,या किनारों मे पड़ा कुछ रेत हूं।।, वो रंग धुरेड़ी सी मैं फागुन सा हूं, वो रंग पंचमी सी मैं मास चैत्र सा हूं। पहली नज़र अंदाज से ही,पल में बह जाना चाहता हूं।। मेरी चाहत ही बेफ़ाइदा है, जवानी में ही ढह जाना चाहता हूं।। रास्तों में इस ओर कांटों और कंकड़ों के अंबार है। सुदूर है ये मंजिल, तुम्हें आना इस पार है।। ये रास्ते युद्ध से हैं,नुकीले शीशों को वार है। न पहले जीत थी और न अब भी हार है।। उसकी कदमें तो मेरी ओर उठे!! पांव तले कली बनकर बिछ जाना चाहता हूं। मेरी चाहत ही तन्य है, उसकी ओर खिंच जाना चाहता हुं। ओस ने सर्द की कीमत बताई, भाप ने तप्त देह की, सांस ने तन की कीमत बताई,पतझड़ ने पेड़ की एक बार उसकी तप्त आंखे तो मेरी ओर उठें। भाप-ओस, ...
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें