पुराने नए की ओर भागे

 चूक से चूक की ओर भागे।

तितलियां परिंदों की ओर भागे।।


ऊंचे पहाड़ों से बेवफाई करके।

नदियां गहरी समंदर की ओर भागे।।


दिसंबर जनवरी से रिश्ता तोड़ दिया।

 जाड़े गर्मी नए संबंधों की ओर भागे।।


रात की हवाएं, छलक छलक कर रोई।

शाम की हवाएं सुबहो की ओर भागे।।


ये चंदा, ये चकवा, ये मौसम का चक्का।

नए को छोड़, पुराने घर की ओर भागे।।


~ असमर्थ

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