शायराना चला जाएगा...!

 नजरों से नज़राना चला जाएगा।

बटुए से इश्क खजाना चला जायेगा।।


गर मोहब्बत की खुशबू न रही एक दिन।

लोगों के जेहन से शायराना चला जायेगा।।


कौन होता है इस दुनियां में टूटे दिल वालों का।

शेर न रहा तो आशिकों का आशियाना चला जायेगा।


रोते हंसते ट्रकों का चलना,पीछे लिखे लहजों से है।

चंद लाइनें गई तो ट्रक का आना जाना चला जायेगा।।



कसीदे कसके लिखता रह तू असमर्थ।

नहीं तो शेर के बिना बेसबब जमाना चला जायेगा।।


~ मनीष कुमार 'असमर्थ'

अमरकंटक अनुपपुर मध्यप्रदेश

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