अब तुझे कहां ढूंढूं?

 चौराहों पे तो तेरी यादें बस रह गईं हैं,अब तुझे कहां ढूंढूं?

किताबों में दबी तस्वीर,अंगूठी, गुलाब भी ले गई तु,अब तुझे कहां ढूंढूं..?



एक माफ़ी न मांगने से ऐसे ही, छोड़कर कोई चला जाता है क्या..?

एक और गुनाह करना है ईश्क दोबारा करके,तू ही बता दे अब तुझे कहां ढूंढूं?


वीज़ा लेकर निकल गया,तुझे ढूंढने के लिए।

जाने किस मुल्क में, किस जगह, कहां ,अब तुझे कहां ढूंढू?


मैंकदा अचानक जाता था कभी, तो तेरा नाराज़ चेहरा सामने ही आ जाता था।

मैं वहीं रहता हूं अब,अचानक भी तू कभी नहीं दिखी वहां,बोल न अब तुझे कहां ढूंढू.?



~असमर्थ 

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