एकांत गांव
शांत रात,
एकांत रात,
जंगल के मध्य,
गांव के भूतैल पुराने घर,
फर्श पे आह्टें,
गलियों में सन्नाटे,
कुत्तों की भौं भौं,
दरवाज़े की चुरचुराहटें,
परदे का फट फट,
हवाओं की फुसफुसाहटें,
टिड्डों की कट कटाहटें,
बरखा की टिप टिप,
डरावने परछाईं,
सनसनाती काली रात के बीच,
अचानक स्त्री चिल्लाई।
कुर्सी पे बैठा हृदय काँऽऽऽप गया..!
डरे हुए आंख सो गए।
सुबह कानों में आवाज़ें गूंजने लगी।
कल रात किसी स्त्री की बेरहमी से हत्या कर दी गई है।
~असमर्थ
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